Uploaded By : ENGINEER SURAJ MOTTAN, (A Teacher, A Blogger, A Social Activist, A YouTuber)
Sunday, 27-12-2020, 09:56 IST
आज के छात्रों को भी नहीं पता होगा कि भारतीय भाषाओं की वर्णमाला विज्ञान से भरी है। वर्णमाला का प्रत्येक अक्षर तार्किक है और सटीक गणना के साथ क्रमिक रूप से रखा गया है। इस तरह का वैज्ञानिक दृष्टिकोण अन्य विदेशी भाषाओं की वर्णमाला में शामिल नहीं है। जैसे देखें
*क ख ग घ ड़* - पांच के इस समूह को #कण्ठव्य कहा जाता है क्योंकि इस का उच्चारण करते समय कंठ से ध्वनि निकलती है। उच्चारण का प्रयास करें।
*च छ ज झ ञ* - इन पाँचों को #तालव्य कहा जाता है क्योंकि इसका उच्चारण करते समय जीभ तालू महसूस करेगी। उच्चारण का प्रयास करें।
*ट ठ ड ढ ण* - इन पांचों को #मूर्धन्य कहा जाता है क्योंकि इसका उच्चारण करते समय जीभ मुर्धन्य (ऊपर उठी हुई) महसूस करेगी। उच्चारण का प्रयास करें।
*त थ द ध न* - पांच के इस समूह को #दंतव्य कहा जाता है क्योंकि यह उच्चारण करते समय जीभ दांतों को छूती है। कोशिश करें।
*प फ ब भ म* - पांच के इस समूह को कहा जाता है #अनुष्ठान क्योंकि दोनों होठ इस उच्चारण के लिए मिलते हैं। कोशिश करें।
दुनिया की किसी भी अन्य भाषा में ऐसा वैज्ञानिक दृष्टिकोण है? हमें अपनी भारतीय भाषा के लिए गर्व की आवश्यकता है, लेकिन साथ ही हमें यह भी बताना चाहिए कि दुनिया को क्यों और कैसे बताएं।
दूसरों को भेजें और हमारी भाषा का गौरव बढ़ाएँ।